ज़िन्दगी नर्क सी बन गई है ,
यही कहानी हर रोज सी बन गई हैं!
सुबह maths से शाम reasoning तक पहुचाई हैं,
हमारी पूरी मुस्कान इस कमबख्त GK ने चुराई है!!
Noun से लेकर Adjective तक Error ढूढ़ रहे है,
सच बताये तो खुद की शक्ल के लिए Mirror ढूढ़ रहे है!
एक औरत फोटो को इशारा कर रिश्तेदारी समझाती है,
ये कैसी Reasoning है जो दूसरे के घर में ताकाझांकी सिखाती है!
कही नल खुले छूट जाते है तो कही दूध में मिलावट है ,
सच में वो पागल धारा के विपरीत जाता है या महज दिखावट है!!
क्या जरुरत थी पानीपत के तीन-तीन युद्ध लड़ने की ,
और वास्कोडिगामा के जहाज को कालीकट से भिड़ने की!
इस तैयारी में कितनी ही बार आँखे भर आई है ,
अब तो मिल जाये जॉब,उम्र होने को आई है!!
*बेजोड़ स्ट्रगल करने वाले साथियों को समर्पित
-लव प्रताप